Tigers : कार्बेट पार्क से सटे तराई क्षेत्र में कितने? जानने को गिनती शुरू

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कॉर्बेट (corbett) पार्क से सटे तराई क्षेत्र में कितने बाघ (tigers) हैं? इसका पता लगाने के लिए रविवार से बाघों की गिनती शुरू हो गई है।

पश्चिम वन प्रभाग के चप्पे चप्पे को टीमें कवर करेंगीं। अधिकारियों का मानना है कि इस साल बाघों (tigers) के कुनबे में इजाफा देखने को मिल सकता है।

बाघों की गणना के इस कार्य को  तराई पश्चिम वन प्रभाग की टीम ही ही अंजाम देगी। दोस्तों, आपको इससे पहले यह कार्य भारतीय वन्य जीव संस्थान यानी WII की की टीम किया करती थी।

आपको यह जानकर रोचक लगेगा कि बाघों की गणना का कार्य वनकर्मी  हाथी गश्त के माध्यम से अंजाम देंगे। और बाघों (tigers) की गणना का कार्य लगभग एक सप्ताह तक चलेगा।

आपको बता दें कि तराई पश्चिम वन प्रभाग हर दो साल के अंतराल में बाघों की गणना का काम करता है। 2018 की गणना में तराई क्षेत्र में 39 बाघों की मौजूदगी का पता चला था।

तराई क्षेत्र के वातावरण को बाघों की जैव विविधता के लिए अनुकूल बताया जाता है। इससे पूर्व जंगलों में गश्त कर रहे वनकर्मियों ने बाघिन के साथ कई शावकों को भी साथ घूमते देखा है। इसी से इस दफा बाघों का कुनबा बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है।

इससे पूर्व उत्तराखंड के जंगलों में गुलदार की भी गणना की गई थी। और गुलदारों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया था।

आलम यह कि गुलदार जितने बढ़ गए हैं, उस हिसाब से गांव और कस्बों में लोगों पर गुलदार के हमले भी बढ़ गए हैं।

वह गांव में घुसकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल ही में कई आदमखोर गुलदारों का शिकारियों ने शिकार भी किया है।

कुछ गुलदारों को मारने के लिए सहारनपुर, रुड़की तक से शिकारियों को बुलाया गया। प्रदेश में लखपत सिंह रावत और जाय हुकिल जैसे शिकारियों ने भी आदमखोर गुलदार को मारकर लोगों को राहत की सांस प्रदान की है।

 

 

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