तुंगनाथ मंदिर शीतकाल के लिए बंद, अब मक्कूमठ स्थित मार्कण्डेय मंदिर में होगी पूजा

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तुंगनाथ (tungnath) मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। भगवान तुंगनाथ (tungnath) को तृतीय केदार के रूप में भी पूजा जाता है। बुधवार शाम भगवान की डोली चोपता पहुंची।

अब शुक्रवार छह नवंबर को भगवान तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ स्थित मार्कण्डेय मंदिर में पहुंचेगी।

इससे पूर्व बुधवार प्रात:काल तुंगनाथ मंदिर में पूजा के पश्चात भगवान के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की गई। विधि विधान और परंपराओं का अनुसरण करते हुए तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।

आपको बता दें कि इसके पश्चात भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव चोपता के लिए रवाना हो गई। बृहस्पतिवार पांच नवंबर को यह उत्सव डोली भनकुंड पहुंचेगी।

अगले ही दिन इसे मक्कूमठ के मार्कण्डेय मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। इसके पश्चात शीतकाल में भगवान तुंगनाथ की पूजा यहीं संपन्न होगी।

आपको बता दें भगवान तुंगनाथ का मंदिर विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। दुनिया भर से भक्त और ट्रेकर मंदिर दर्शन को पहुंचते हैं।

इस वर्ष करीब साढ़े चार हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा के दर्शन किए। अब केवल बर्फबारी का आनंद लेने वाले सैलानियों की भीड़ चोपता पहुंचने की संभावना है। इस बार अच्छी बर्फबारी से यह उम्मीद जगी है।

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