CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
1 min readउत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट (supreme Court) ने कहा कि ये आदेश मुख्यमंत्री को सुने बगैर पारित किया गया था। इससे सभी चकित हैं।
आपको बता दें कि दो पत्रकारों ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया था कि 2016 में झारखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति का समर्थन करने के लिए त्रिवेंद्र के रिश्तेदारों के खातों में धन भेजा गया।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी लोग आश्चर्य में थे, क्योंकि इन पत्रकारों की याचिका में रावत के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का अनुरोध तक नहीं था।
और इसमें राज्य पक्षकार नहीं था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CM त्रिवेंद्र के खिलाफ आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए सच सामने लाना उचित होगा। इसीलिए, मामले की जांच सीबीआई करे।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह टिप्पणी की थी कि सरकार की आलोचना देशद्रोह नहीं हो सकती। और जनसेवकों की आलोचना किए बगैर लोकतंत्र सुदृढ़ नहीं हो सकता।
वहीं, CM त्रिवेंद्र रावत की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि CM के पक्ष को सुने बगैर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती।
इस तरह का आदेश निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में सारे मामलों का घालमेल कर दिया है।
बता दें कि 27 अक्टूबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand high court) ने सीएम के खिलाफ सीबीआई (cbi) जांच का आदेश दिया था। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के अनुसार यह मामला मुख्यमंत्री को बदनाम करने का षड़़यंत्र था, जो विफल हो गया।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के सियासी गलियारों में यह मामला बेहद चर्चा में बना रहा है। CM त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विपक्षी दलों ने प्रदर्शन भी किया।