आतिशबाजी : उत्तराखंड के छह शहरों में दिवाली पर केवल दो घंटे चलाए जा सकेंगे पटाखे

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उत्तराखंड के 6 शहरों में केवल 2 ही घंटे तक पटाखे (crackers) फोड़े जा सकेंगे। यानी दिवाली पर आतिशबाजी केवल दो घंटे ही हो सकेगी।

राष्ट्रीय हरित अधिग्रहण यानी एनजीटी के आदेश पर यह कदम उठाया जा रहा है। इन छह शहरों में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूद्रपुर और काशीपुर शामिल हैं।

वहां से निर्देशों के बाद पटाखे (crackers) चलाए जाने का समय निर्धारित करने संबंधी यह प्रस्ताव तैयार कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने सरकार को भेजा है।

बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सभी मुख्य सचिवों से एनजीटी ने पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन बनाने को कहा था।

इसके साथ ही डीएम और पुलिस कप्तानों को भी इस गाइडलाइन को सख्ती से लागू कराने को कहा गया है।

NGT की ओर से अचानक आए इस फरमान से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश को भेजे गए इस प्रस्ताव के मुताबिक दिवाली पर तय समय से अधिक आतिशबाजी करने पर   ₹ 1,00,000 तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

लेकिन आपको यह भी बता दें कि इस नियम को सख्ती से लागू कराने के लिए आवश्यक मैन पावर  जिला प्रशासन के पास नहीं है।

NGT ने प्रदूषण के हालात और Air Quality Index (AQI) के survey को देखते हुए यह कदम उठाया है। उत्तराखंड में वायु का क्वालिटी लेवल हल्द्वानी में सबसे बेहतर और हरिद्वार में सबसे खराब पाया गया है।

उसका मानना है कि दिवाली पर लगातार आतिशबाजी से पर्यावरण के हालात और खराब हो सकते हैं। इसे देखते हुए पटाखे जलाने संबंधी समयावधि निश्चित करने संबंधी आदेश जारी किया है। माना जा रहा है कि इससे त्योहार पर होने वाले धुएं से निजात मिलेगी।

लेकिन जैसा कि हमने बताया कि PCB के पास man power की कमी है। ऐसे में दिवाली यानी रोशनी के पर्व पर NGT के नियमों का पालन किस प्रकार से किया जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

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