हरक सिंह रावत को तीन माह जेल की सजा, साथ ही जमानत भी

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हरक सिंह रावत (Harak Singh rawat) को तीन माह की जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही साथ उनकी जमानत भी मंजूर कर ली गई। हरक उत्तराखंड के वन मंत्री हैं।

मामला आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा है। बताया जाता है कि उत्तराखंड में साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत (Harak Singh rawat) ने आचार संहिता का उल्लंघन किया था।

इस मामले में रुद्रप्रयाग जिला कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की जेल और एक हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई।

मंगलवार को जिला न्यायालय ने मामले में फैसला सुनाया। न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद वाहिद ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 के तहत वन मंत्री को दोषी पाया।

लेकिन इसके तुरंत बाद ही वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत को मौके पर ही जमानत भी दे दी गई।

वहीं, अन्य आरोपियों की बात करें तो उन्हें धारा 147 (विधि विरुद्ध अपराध) और 353 (सरकारी कामकाज में बाधा) के मामले में दोषमुक्त कर दिया गया है।

अभियोजन अधिकारी ममता मनादोली ने बताया कि वर्ष 2012 में कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।

उस समय उन पर आचार संहिता का उल्लंघन और प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों से अभद्रता का आरोप लगा था।

इस मामले में हरक सिंह रावत के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई थी। उसकी विवेचना के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा था।

लंबे समय से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। उच्च न्यायालय (High court) नैनीताल के विशेष निर्देश (जिसमें सांसद/विधायक पर दर्ज मामलों की त्वरित सुनवाई व निर्णय देने की बात कही गई है) के तहत मामले में कार्रवाई पूरी की गई।

आपको बता दें कि इसी साल सात फरवरी को सुनवाई के दौरान सीजीएम ने डा. हरक सिंह रावत को एक घंटे तक कठघरे में भी खड़ा रखा था। वे, अपनी सुनवाई तिथि पर कोर्ट में नियमित रूप से पेश हो रहे थे।

 

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