जैकब चांडी : देश के इन पहले न्यूरो सर्जन के बारे में नहीं जानते होंगे आप
1 min readक्या आप जानते हैं कि जैकब चांडी (Jacob chandy) भारत के पहले न्यूरो सर्जन (Neuro surgeon) थे? जी हां, 23 जनवरी, 2021 को उनकी 111वीं जयंती है।
जैकब चांडी (Jacob chandy) को भारत में न्यूरो सर्जरी (Neuro surgery) का जनक भी पुकारा जाता है।
उनका जन्म 23 जनवरी, सन् 1910 में केरल (Kerala) के कोट्टायम (Kottayam) में हुआ था।
उन्होंने 1936 में मद्रास मेडिकल कॉलेज (Madras medical college) से एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री ली।
इसके बाद 1939 में उन्होंने बहरीन के एक हॉस्पिटल (hospital) से करियर (career) शुरू हुआ। यह एक मिशनरी हॉस्पिटल था, जहां उन्होंने 1944 तक काम किया।
इसके बाद उन्होंने अस्पताल छोड़ पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी (University of Pennsylvania) से एमडी (MD) की डिग्री ली।
वहीं उन्होंने जोनाथन रोड्स के अधीन सर्जरी का अध्ययन किया। इसके बाद 1945 में उन्हें मॉन्ट्रियल न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (Montreal neurological institute) यानी MNI की फेलोशिप (fellowship) मिल गई।
1948 तक उन्होंने सर्जरी की प्रैक्टिस की। इसके पश्चात उन्हें रॉयल कॉलेज ऑफ कनाडा (Royal college of Canada) की फेलोशिप मिल गई और वे शिकागो (Chicago) चले गए।
वहां वे शिकागो यूनिवर्सिटी के चीफ रेजिडेंट (chief resident) थे। चंडी ने वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) में न्यूरो सर्जरी का पहला विभाग शुरू किया।
इसके 8 साल बाद 1958 में उनकी अगुवाई में न्यूरो सर्जरी पर पहला ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया।
उनकी उपलब्धियों के लिए 1964 में भारत सरकार ने उन्हें तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मभूषण से भी नवाजा ।23 जून, 2007 को चांडी का देहांत हो गया।
आपको बता दें कि जैकब चांडी ने सन् 1951 में न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (neurological society of India) की भी स्थापना की थी।
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वह पहले सर्जन थे जिन्होंने 25 अगस्त, 1952 को भारत में एपिलेप्सी (epilepsy) की पहली सर्जरी को अंजाम दिया।
सन् 1988 में उन्होंने अपनी जीवनी भी लिखी। उनके सानिध्य में सीखें ढेरों न्यूरो सर्जन ने बहुत नाम कमाया। जैकब भारत को न्यूरोलाजी और न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में सबसे ऊपर देखना चाहते थे।