एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल नहीं रहे, 98 की उम्र में ली अंतिम सांस

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एमडीएच (MDH) के मालिक और ‘मसालों के बादशाह’ कहे जाने वाले महाशय धर्मपाल नहीं रहे। बृहस्पतिवार सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

बीती 26 नवंबर को कार्डियक अरेस्ट के बाद से वह अस्पताल में भर्ती थे। इससे पहले वह कोरोना के भी शिकार हुए थे, लेकिन उससे ठीक होकर निकल चुके थे।

एमडीएच (MDH) मसाले को उच्चतम स्थान पर पहुंचाने में उनकी सबसे अहम भूमिका रही। इस वक्त एमडीएच की भारत और दुबई में 18 फैक्ट्रियां हैं। और वह भारतीय बाजार के 80% पर कब्जे का दावा करते हैं।

महाशय धर्मपाल ने अपने मसालों के विज्ञापन के लिए कभी भी किसी बाहरी व्यक्ति का सहारा नहीं लिया। कंपनी के सारे विज्ञापन वह खुद ही करते थे और बहुत लोकप्रिय थे।

उनका पूरा ध्यान मसालों की क्वालिटी पर था। यही वजह थी कि 98 साल की उम्र में भी हर सुबह फैक्ट्री जाना, वहां तमाम विभागों के राउंड लेना और मसालों की क्वालिटी पर नजर रखना उनकी दिनचर्या में शामिल था। वह नियमित और संयमित जीवनयापन कर रहे थे।

कंपनी का सामाजिक कार्य से भी बड़ा सरोकार है। सीएसआर (CSR) यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत एक हॉस्पिटल और 20 स्कूल भी कंपनी की तरफ से चलाए जा रहे हैं। कंपनी का टर्नओवर करीब एक हजार करोड़ रुपए सालाना है।

महाशय धर्मपाल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज से 2 साल पहले 2018 में भी महाशय धर्मपाल के न रहने की अफवाह उड़ी थी।

जिसके बाद श्रद्धांजलियों को तांता लग गया था। और उनके परिवारवालों को बाकायदा उनका एक वीडियो जारी कर यह कहना पड़ा था कि महाशय धर्मपाल अभी जिंदा हैं।

बृहस्पतिवार सुबह को भी जब उनके मरने की खबर उड़ी तो सहसा किसी को यकीन नहीं हुआ। लोगों को लगा कि शायद यह भी अफवाह है। लेकिन बाद में यह साफ हुआ कि महाशय धर्मपाल नहीं रहे। उन्होंने अपने अंतिम सांस ले ली है।

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