यमुनोत्री धाम के कपाट भारी बर्फबारी के बीच बंद, शीतकालीन प्रवास खरसाली में

1 min read

यमुनोत्री (Yamunotri) धाम के कपाट सोमवार दोपहर भारी बर्फबारी के बीच बंद हो गए। भैयादूज के पावन पर्व पर इस  धाम के कपाट विधिविधान से बंद हुए।

इस बीच वैदिक मंत्रोच्चार होता रहा।  अब शीतकाल में यमुनोत्री (Yamunotri) की जगह छह माह तक मां यमुना अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में विराजमान होंगी।

आपको बता दें कि अब इसी स्थान पर  देश-विदेश से आने वाले तमाम तीर्थ यात्री मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे।

इससे पूर्व सोमवार को भैयादूज के पावन पर्व पर मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनि देवता की डोली पारंपरिक परंपरानुसार मां यमुना को लेने यमुनोत्री धाम पहुंची।

यहां मंदिर प्रांगण में तीर्थ पुरोहितों ने विधिवत हवन और पूजा-अर्चना की। इसके बाद दोपहर 12.25 बजे शुभ मुहूर्त में यानी अभिजीत मुहूर्त और अनुराधा नक्षत्र में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए गए।

मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की थाप पर शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम से अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए प्रस्थान किया।

इस मौके पर पूरा यमुनोत्री धाम परिसर मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा। तमाम भक्तजनों के जयकारों के बीच शाम को मां यमुना अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ पहुंची।

यहां श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में मां यमुना का भव्य स्वागत किया। बता दें कि शीतकाल में यमुनोत्री धाम में भारी बर्फबारी के कारण आवागमन ठप रहता है।

अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्मकाल में छह माह के लिए फिर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।

इस मौके पर श्री यमुनोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष/ बड़कोट एसडीएम चतर सिंह चौहान, सचिव कृतेश्वर उनियाल आदि मौजूद रहे।

आपको बता दें कि इस दफा चार धाम (chardham) की यात्रा पर कोरोना (corona) का संकट देखने को मिला है।  अब अगली यात्रा से व्यापारी उम्मीद लगाए हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | khaskhabar24.com