बदरीनाथ धाम आएं तो उत्तराखंड में पंच बदरी के दर्शन करना न भूलें

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जिस प्रकार उत्तराखंड में पंच केदार का वास है, उसी प्रकार यहां पंच बदरी बसते हैं। यदि आप बदरीनाथ धाम (badri dham) के दर्शन को आएं तो इनके दर्शन भी जरूर करें।

आपको अब हम भगवान बदरीनाथ समेत इन पंचबदरी की जानकारी देते हैं। आइए, शुरू करें-

ध्यान बदरी (dhyan badri)

इस मंदिर तक हरिद्वार (hardwar) से हेलंग (helang) तक नेशनल हाईवे (national highway) से पहुंचा जा सकता है। मंदिर उर्गम घाटी में हेलंग से 10 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कटुवा पत्थरों से कत्यूरी शैली (katyuri style) में किया गया है। यहां शालिग्राम शिला में निर्मित स्वयंभू मूर्ति की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के बाईं ओर महालक्ष्मी जी की मूर्ति है, जबकि दाहिनी ओर भगवान गणेश और नारदजी विद्यमान हैं।

वृद्ध बदरी (vridha badri)

वृद्ध बदरी भगवान बदरीनाथ तृतीय बदरी के रूप में निवास करते हैं। यह मंदिर जोशीमठ (joshimath) से हेलंग के बीच बदरीनाथ हाईवे पर ही अणिमठ में मौजूद है। पुराणों में इस स्थान को नारद की तपस्थली के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि नारद को भगवान विष्णु ने एक वृद्ध के रूप में यहां दर्शन दिए थे। इसी से यह मंदिर वृद्ध बदरी कहलाया।

योग बदरी (yog badri)

चतुर्थ बदरी के रूप में स्थापित इस योग बदरी मंदिर में भगवान विष्णु योगी रूप में निवास करते हैं। कहा जाता है कि यहां महाराज पांडु ने मृगरूप ऋषि को मृग समझकर बाण चला दिया था। इससे मुनि तड़पते हुए स्वर्ग सिधार गए। उन्होंने पांडु को श्राप दिया। जिसे समाप्त करने के लिए राजा पांडु यहां तपस्या के लिए आए थे। कहते हैं कि नकुल और सहदेव का जन्म भी यहीं हुआ था। राजा पाण्डु को यहां भगवान विष्णु ने साक्षात दर्शन दिए थे। इसलिए इस स्थान को पांडुकेश्वर भी कहते हैं। तपस्यारत होने के कारण भगवान विष्णु के इस मंदिर को योग बदरी कहा जाता है।

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भविष्य बदरी (bhavishya badri)

भविष्य बदरी मंदिर भी भगवान बदरीनाथ धाम (badri dham) के मंदिर के साथ ही बना है। आदि गुरु शंकराचार्य ने ही इसे भी स्थापित किया। बदरीनाथ के कपाट खुलने पर ही इस मंदिर के भी कपाट खोले जाने की परम्परा है। मंदिर के कपाट बंद होते हैं तो इसके भी कपाट बंद कर दिए जाते हैं। हर तीन साल में जन्माष्टमी के दिन यहां मेला लगता है। इसे जाख मेला पुकारा जाता है।

http://Uttarakhand tourism की वेबसाइट से भी आप उत्तराखंड में पंच बदरी दर्शन से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

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