32 साल और 9500 पोस्ट मार्टम, डा गीता रानी ने तो सोच ही बदलकर रख दी

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भोपाल की डॉ. गीतारानी (Dr Geeta Rani) ने करीब 32 साल के अपने करियर अब तक 9500 से ज्यादा पोस्टमार्टम किए हैं। यह  रिकॉर्ड बनाने वाली वह अकेली महिला हैं।

आपको बता दें कि वे मध्य प्रदेश की इकलौती महिला हैं, जिन्होंने फॉरेंसिक मेडिसिन (forensic medicine) में MD किया है।

63 साल की डॉ. गीता मेडिको लीगल संस्थान, भोपाल में सीनियर फॉरेंसिक विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर रही हैं।

आपको बता दें कि करीब सन् 2012 में शाजापुर से 60 टुकड़ों में एक शव पोस्टमॉर्टम (postmortem) के लिए आया था।

मामले में हत्या कर लाश सूखे बोरवेल में डाल दी गई थी। पुलिस को उस बॉडी को बोरवेल से निकालने में तीन दिन लग गए थे।

डा गीता रानी (Dr Geeta Rani) को शव की जांच करने में दो दिन लगे थे। इसके बाद चार साल पहले तीन-चार टुकड़ों में खोपड़ी और कंकाल मिला था।

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इसका परीक्षण मुश्किल था। परिजन भी बात छिपा रहे थे। जब खोपड़ी का परीक्षण किया, तो पता चला कि खोपड़ी में गोली फंसी है। मामला सुलझा तो परिजनों के ही हत्या करने की बात सामने आई।

आपको बता दें कि डा गीता के ‘पिता शिक्षक थे। इसलिए डा गीता ने BSC, MBBS और MD (फॉरेंसिक मेडिसिन) किया। ताकि वे भी मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर सकें।

लेकिन जब फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में लेक्चररशिप की रिक्तियां निकलीं, तो डिमांडिंग डेट पर मेरी उम्र दो महीने 8 दिन ज्यादा निकली।

इसके बाद उन्होंने PHD भी करनी चाही थी, लेकिन व्यस्तता की वजह से नहीं कर सकीं।

मुरैना जिले में जन्मीं डा गीता का चयन 1989 में मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) से मप्र मेडिको लीगल संस्थान में मेडिकल ऑफिसर (medical officer) के पद पर हुआ।

अब उनका मुख्य कार्य शव का पोस्टमॉर्टम करना और विशेषज्ञ राय देना है। इसके अलावा मेडिको लीगल प्रकरणों के निराकरण के लिए उन्हें कोर्ट में भी मौजूद रहना पड़ता है।

खाली समय में ड्राइविंग और फोटोग्राफी उनका शौक है। उन्होंने फोटोग्राफी बाकायदा सीखी है। उनका एक ही मूतमंत्र है-यदि ठान लिया जाए तो जीवन में कुछ भी नामुमकिन नहीं।

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