उत्तराखंड में जंगल की आग से 36 घंटे में 271 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हुए

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उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग (forest fire in uttarakhand) कम होने का नाम नहीं ले रही।  36 घंटे के भीतर लगभग 271 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं।

सोमवार को 24 घंटे में 165 हेक्टेयर और मंगलवार को 12 घंटे में 106 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ गए।

मंगलवार शाम को 4:30 बजे तक के डाटा पर नजर डालें तो पूरे राज्य में 75 जगह जंगलों में आग लगने की घटनाएं हुई थीं।

वहीं, उत्तराखंड में जंगल में आग (forest fire in uttarakhand) की घटनाएं कुमाऊं मंडल (kumaon) में गढ़वाल मंडल (garhwal) की अपेक्षा ज्यादा हुई हैं।

कुमाऊं में 37, जबकि गढ़वाल में आग लगने की 35 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। बीती 4 अप्रैल, 2021 की अपेक्षा 6 अप्रैल, 2021 को आग की घटनाओं में कमी देखी गई है।

यदि सेटेलाइट डाटा (satellite data) की बात करें तो इसके मुताबिक अग्नि की घटनाओं में 17% घटनाएं कमी आई है।

उधर, श्रीनगर, कीर्ति नगर और खिरसू के जंगलों में एयर फोर्स (air Force) के mi-17 हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया गया।

चार फेरों में बांबी बकेट से लगभग 10,000 लीटर पानी जंगलों में फेंका गया। बुधवार को भी आग पर काबू करने के लिए हेलीकॉप्टर से ऑपरेशन जारी रहेगा।

इससे पहले सरसावा (sarsava) से पहुंचा एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर जीवीके हेलीपैड पर लैंड हुआ। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना (Srinagar Hydro project)  की झील और परियोजना डीएसबी (डी-सिल्ट बेसिन) से पानी भरा गया।

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उधर, मसूरी के केंपटी फॉल, बागेश्वर, पौड़ी, श्रीनगर आदि अनेक जंगलों में आग से  जीव हानि की घटनाएं हुई हैं। आग से चार लोगों के झुलसने की भी खबर है।

उधर, टिहरी डीएम की ओर से जंगलों में आग लगाने वालों की सूचना देने पर 10,000 रुपए के इनाम की घोषणा की गई है।

इसके अलावा तय किया गया है कि जंगल की आग रोकने में अहम काम करने वाले फायर वाचर, लोगों, समूहों और कर्मचारियों को डीएफओ की संस्तुति के बाद सम्मानित किया जाएगा।

इसके साथ ही आग लगाने वालों पर फॉरेस्ट एक्ट के साथ ही आपदा एक्ट के  तहत कार्यवाही की जाएगी।

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